बदनाम हो जायेगा ये नाम
अगर सारे क़िस्से खोल दें...
उनको ऊंगली उठाने को मिल जाएगी
अगर अपने जज़्बातों को पेश कर दें...
भले तक़लीफ ये गेहरी दें
इनको छुपाना मंज़ूर है...
मुश्किल ही सही
इन्हें दफ़नाना क़ुबूल है...
कोई रंजिश नहीं
इन फ़सानो से...
हमें बस खौफ़ है
लोगो के तमाशों से...
वो दिलचस्पी दिखा के
अपने फ़लसफ़ा गाएंगे...
जज़्बात समझने के बजाय
हमपे ही इल्ज़ाम लगा जाएंगे...